बिहार की राजनीति में इस बार सबसे बड़ा सरप्राइज प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party – JSP) है। यह पार्टी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है और ताज़ा सर्वे ने दिखाया है कि यह चुनावी मुकाबले को पूरी तरह बदल सकती है।
जन सुराज पार्टी का पहला चुनावी इम्तिहान
जन सुराज पार्टी की लॉन्चिंग पिछले साल ही हुई थी, लेकिन कम समय में यह पार्टी बिहार के युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रही है। सर्वे के मुताबिक, 18 से 24 साल के 20% युवा JSP को वोट देने का मन बना चुके हैं। यह आंकड़ा साबित करता है कि JSP जातीय वोट बैंक को तोड़ सकती है और नई राजनीतिक दिशा दे सकती है।
वोट वाइब सर्वे के मुख्य नतीजे
Vote Vibe Survey के मुताबिक कई संभावनाएँ सामने आई हैं:
- अगर JSP को 10% वोट मिले और महागठबंधन के 5% वोट खिसक जाएँ, तो महागठबंधन 34% पर आ जाएगा और NDA 42% वोट के साथ साफ़ बढ़त लेगा।
- अगर JSP NDA के 5% वोट काट ले, तो फायदा महागठबंधन को होगा। इस स्थिति में महागठबंधन 39% पर पहुँच जाएगा और NDA सिर्फ़ 37% पर रह जाएगा।
- अगर JSP दोनों गठबंधनों से 2.5% और अन्य छोटे दलों से 5% वोट ले ले, तो NDA 39% पर मज़बूत रहेगा जबकि महागठबंधन 36% पर सिमट जाएगा। इसका सीधा मतलब है कि नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी होगी।
युवा वोट: JSP का सबसे बड़ा हथियार
सर्वे का सबसे दिलचस्प पहलू है युवा वोट। बिहार की राजनीति परंपरागत रूप से जाति समीकरणों पर आधारित रही है, लेकिन JSP को 20% युवा वोटरों का सपोर्ट मिलना बड़ा बदलाव ला सकता है। प्रशांत किशोर की रणनीति है कि वे अलग-अलग जातियों से उम्मीदवार उतारेंगे, जिससे दोनों बड़े गठबंधनों के पारंपरिक वोट बैंक कमजोर हो सकते हैं।
जनता की राय: किसे होगा ज़्यादा नुकसान?
एक और सर्वे में लोगों से पूछा गया कि JSP किसे ज़्यादा नुकसान पहुँचाएगी:
- 20% का मानना है JSP NDA को नुकसान देगी
- 18% का कहना है यह महागठबंधन को नुकसान करेगी
- 35% लोगों का कहना है JSP दोनों गठबंधनों का वोट काटेगी
यानी अभी तक यह साफ़ नहीं है कि JSP किसका खेल बिगाड़ेगी।
JSP बनाम LJP: नया खिलाड़ी बनाम पुराना खिलाड़ी
JSP ने ऐलान किया है कि वह बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की तरह JSP के पास अभी मज़बूत संगठन और कोर वोट बैंक नहीं है। हालांकि, प्रशांत किशोर की पहचान एक चुनावी रणनीतिकार मास्टरमाइंड के रूप में है, इसलिए इसे हल्के में लेना भी ठीक नहीं होगा।
निष्कर्ष: क्या प्रशांत किशोर पलट देंगे बिहार चुनाव 2025?
बिहार का अगला चुनाव अब त्रिकोणीय मुकाबला बन चुका है—NDA, महागठबंधन और जन सुराज पार्टी।
- NDA के पास सत्ता का अनुभव और संगठन है
- महागठबंधन को JSP के कारण सीटें गंवानी पड़ सकती हैं
- JSP युवाओं और नए वोटरों को आकर्षित कर सकती है
सर्वे से इतना तो साफ़ है कि जन सुराज पार्टी ने बिहार चुनाव का नैरेटिव बदल दिया है। अब देखना यह है कि क्या प्रशांत किशोर सिर्फ़ किंगमेकर बनेंगे या लंबे समय के लिए मुख्य खिलाड़ी।
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